मांगलिक स्वर लहरियों के बीच आज बदरीनाथ धाम के कपाट खुल गए है। श्रद्धालु अब छह माह यहीं भगवान बदरीविशाल के दर्शन और पूजा कर सकेंगे। हजारों श्रद्धालु इस पावन पल के साक्षी बने। कपाट खुलते ही धाम में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। वहीं, सीएम धामी ने भी तीर्थयात्रियों को धाम के कपाट खुलने की शुभकामनाएं दी।
हल्की बारिश के बीच आर्मी बैंड एवं ढोल नगाड़ों की मधुर धुन और स्थानीय महिलाओं के पारंपरिक संगीत और नृत्य के साथ भगवान बदरी विशाल की स्तुति ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। धार्मिक परंपराओं के निर्वहन के साथ कुबेर जी, उद्धव जी एवं गाडू घड़ा दक्षिण द्वार से मंदिर में परिसर में लाया गया। इसके बाद मंदिर के मुख्य पुजारी रावल समेत धर्माधिकारी, हक हकूकधारी एवं बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने प्रशासन एवं हजारों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में विधि विधान के साथ मंदिर के कपाट खोले।
15 क्विंटल फूलों से सजाया गया
मुख्य पुजारी वीसी ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने गर्भगृह में भगवान बदरीनाथ की विशेष पूजा-अर्चना करते हुए सबके लिए मंगलमय जीवन की कामना की। इसके साथ ही ग्रीष्मकाल के लिए बदरीनाथ के दर्शन शुरू हो गए हैं। उत्तराखंड के चारधामों की यात्रा उत्तरकाशी जिले में स्थित यमुनोत्री धाम से शुरू होती है, जो गंगोत्री और केदारनाथ होते हुए बदरीनाथ धाम पहुंचती है। यमुनोत्री, गंगोत्री और केदारनाथ मंदिर के कपाट 10 मई को खोल दिए गए हैं। कपाट खुलने के मौके पर श्रीबदरीनाथ पुष्प सेवा समिति ऋषिकेश के सहयोग से आस्था पथ से लेकर धाम को ऑर्किड और गेंदे के लगभग 15 क्विंटल फूलों से सजाया गया है।
बीते वर्ष पहुंचे थे रिकॉर्ड श्रद्धालु
2016 में 6,54355, 2017 में 9, 20466, 2018 में 10,48051, 2019 में 12, 44993, 2020 में 15,5055 श्रद्धालु बदरीनाथ धाम पहुंचे थे। वहीं वर्ष 2021 में कोरोना संकट के कारण 1,97997 श्रद्धालु ही बदरीनाथ पहुंचे थे। जबकि 2022 में 17,63549 और 2023 में रिकॉर्ड 18, 39591 श्रद्धालुओं ने बदरी विशाल के दर्शन किए।
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