वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सुविधाओं को नया रूप देने की तैयारी जोरों पर है। स्टेशन को रोप-वे स्टेशन से जोड़ने के लिए एयरपोर्ट जैसी सुविधाओं वाला एक आधुनिक पैसेंजर सर्विस कॉरिडोर बनाया जाएगा। यह कॉरिडोर यात्रियों को तेज, सुविधाजनक और आरामदायक ट्रांजिट का अनुभव देगा।
कॉरिडोर में मिलेंगी ये अत्याधुनिक सुविधाएं
- वातानुकूलित वेटिंग हॉल
- एयरपोर्ट जैसी लॉबी और लाउंज सुविधा
- शीशे की दीवारों से युक्त आकर्षक डिजाइन
- सीधा कनेक्शन रोप-वे स्टेशन तक
कॉरिडोर का निर्माण स्टेशन के मुख्य भवन के प्रथम तल पर जन आहार से आरपीएफ पोस्ट तक किया जाएगा। इससे यात्री बिना किसी रुकावट के सीधे रोप-वे स्टेशन तक पहुंच सकेंगे।
सितंबर से शुरू होगा रोप-वे संचालन
देश के पहले अर्बन रोप-वे ट्रांसपोर्ट सिस्टम के तहत वाराणसी में सितंबर 2025 से इसका संचालन शुरू होने की संभावना है:
- प्रथम चरण: कैंट स्टेशन से रथयात्रा तक
- दूसरा चरण: रथयात्रा से गोदौलिया चौराहा तक विस्तार
रोप-वे शुरू होने के बाद कैंट स्टेशन पर यात्रियों की संख्या में लगभग 40% वृद्धि का अनुमान है।
रेलवे की व्यापक तैयारी, छह विभागों की टीम गठित
इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए रेलवे ने विभिन्न विभागों की 6 सदस्यीय टीम गठित की है, जिसमें शामिल हैं:
- कमर्शियल
- सिग्नल एंड टेलीकम्युनिकेशन
- इंजीनियरिंग
- बिजली विभाग
- आरपीएफ
- आईआरसीटीसी
यह टीम कॉरिडोर की फिजिबिलिटी और आवश्यक तकनीकी पहलुओं की जांच करेगी।
विभागीय कार्यालय होंगे शिफ्ट
कॉरिडोर के निर्माण के दौरान इन कार्यालयों को दूसरी जगह स्थानांतरित किया जाएगा:
- खानपान निरीक्षक कार्यालय
- आरपीएफ कंट्रोल रूम
- रिटायरिंग रूम
- एसी वेटिंग हॉल
- सीनियर सेक्शन इंजीनियर ऑफिस
- यातायात निरीक्षक और मुख्य टिकट निरीक्षक कार्यालय
इसके अलावा, फुट ओवरब्रिज के जरिए यात्री सीधे रोप-वे स्टेशन पहुंच सकेंगे, जिससे स्टेशन का ट्रैफिक सुगम और व्यवस्थित रहेगा।
नंदी की प्रतिमा बनेगी बनारस की पहचान
वाराणसी स्टेशन के सर्कुलेटिंग एरिया में 7 फुट लंबी और 4 फुट चौड़ी नंदी की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। यह प्रतिमा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक होगी, बल्कि एक सेल्फी पॉइंट भी बनेगी जो काशी की यात्रा की यादों को और खास बना देगी।
स्टेशन डायरेक्टर अर्पित गुप्ता के अनुसार, नंदी की मूर्ति रोप-वे यात्रियों के लिए एक आकर्षण का केंद्र होगी और काशी की नई पहचान बनेगी।
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वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन पर बनने वाला यह आधुनिक सर्विस कॉरिडोर और रोप-वे परियोजना न केवल यात्रियों को सुविधाजनक यात्रा का अनुभव देगी, बल्कि बनारस को स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर की दिशा में एक नई पहचान भी दिलाएगी। धार्मिक पर्यटन, स्थानीय आवाजाही और तकनीकी उन्नयन—तीनों के संतुलन की यह मिसाल बन सकती है।