कोलकाता पुलिस ने वजाहत खान के खिलाफ केस दर्ज किया है, जिनकी शिकायत के आधार पर सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और विधि छात्रा शारमिष्ठा पनोली को गिरफ्तार किया गया था। वजाहत पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने और नफरत भरे भाषण देने का आरोप लगाया गया है, जिसने इस मामले को सुर्खियों में ला दिया है।
शारमिष्ठा पनोली की गिरफ्तारी: मामला क्या है?
30 मई 2025 को गुरुग्राम में कोलकाता पुलिस ने शारमिष्ठा पनोली को गिरफ्तार किया था। उनकी गिरफ्तारी की वजह एक विवादित वीडियो था जिसमें उन्होंने “ऑपरेशन सिंदूर” पर मुस्लिम बॉलीवुड सितारों की चुप्पी की आलोचना की थी।
- वीडियो में सांप्रदायिक और आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल था।
- बाद में शारमिष्ठा ने वीडियो हटा दिया और सार्वजनिक माफी भी मांगी।
- इसके बावजूद उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में रखा गया।
उनकी गिरफ्तारी पर बीजेपी नेताओं ने विरोध जताते हुए रिहाई की मांग की, लेकिन कोलकाता पुलिस ने स्पष्ट किया कि नफरत फैलाने वाली भाषा को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं माना जाएगा।
वजाहत खान की स्थिति: गायब और खुद आरोपों में घिरे
अचानक खबर आई है कि वजाहत खान रविवार की रात से लापता हैं। उनके पिता सादत खान ने मीडिया को बताया कि गिरफ्तारी के बाद परिवार को धमकी भरे कॉल आ रहे हैं।
वहीं, वजाहत खान पर भी कई शिकायतें दर्ज की गई हैं:
- उन्होंने सोशल मीडिया पर हिंदू देवी-देवताओं, त्योहारों और परंपराओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां की हैं।
- उनके पोस्ट से साम्प्रदायिक तनाव बढ़ाने की आशंका जताई जा रही है।
- उन्होंने सार्वजनिक रूप से शारमिष्ठा की गिरफ्तारी का जश्न भी मनाया।
वजाहत खान और सोशल मीडिया विवाद
वजाहत खान कोलकाता की राशिदी फाउंडेशन के सह-संस्थापक हैं, जिसने शारमिष्ठा पनोली के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि, उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स की जांच में उनके द्वारा हिंदू समुदाय के खिलाफ नफरत भरे कई पोस्ट मिले हैं।
- हिंदू त्योहारों, मंदिरों और देवी-देवताओं के लिए अपमानजनक टिप्पणियां।
- शारमिष्ठा की गिरफ्तारी के समर्थन में पोस्ट।
- इन पोस्ट्स के कारण विभिन्न संगठनों ने उन पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
कानूनी कार्रवाई और आरोप
वजाहत खान के खिलाफ कई शिकायतें दर्ज हैं, जिनमें आरोप हैं:
- धार्मिक समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाना।
- सार्वजनिक शांति भंग करना।
शिकायतों में भारतीय दंड संहिता की निम्नलिखित धाराओं के तहत कार्रवाई की मांग की गई है:
- धारा 196(1)(क), 299, 352, 353(1)(ग)
- साथ ही सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66ए और 67 के तहत भी मामला दर्ज।
परिवार का बयान और हैकिंग का दावा
मीडिया से बात करते हुए सादत खान ने कहा कि उनका बेटा निर्दोष और सेक्युलर है। उन्होंने हिंदू धर्म का अपमान करने के आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि शायद वजाहत के सोशल मीडिया अकाउंट्स को हैक कर लिया गया हो।
क्यों है यह मामला महत्वपूर्ण?
यह मामला भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, धार्मिक भावनाओं की सुरक्षा, और सोशल मीडिया की जिम्मेदारी पर गहरा प्रभाव डालता है। यह कानून व्यवस्था के लिए भी चुनौती है कि वह नफरत भरे भाषण और साम्प्रदायिक तनाव को कैसे रोके बिना नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन किए।
मुख्य बातें
- नफरत फैलाने वाली भाषा के गंभीर कानूनी परिणाम हो सकते हैं।
- सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई सामग्री की कड़ी जांच हो रही है।
- राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएं घटनाओं को बड़ा विवाद बना सकती हैं।
- ऐसे मामलों में परिवार और आरोपी दोनों को धमकी और परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।