अब मध्यप्रदेश की ऐतिहासिक धरोहर, समृद्ध वन्यजीव और जीवंत संस्कृति का अनुभव छोटे बच्चे भी ले सकते हैं, वह भी एक अनोखे और रोमांचक अंदाज़ में। किडजानिया मुंबई और दिल्ली में एमपी टूरिज्म एक्सपीरियंस सेंटर का शानदार शुभारंभ हुआ, जिसमें बच्चों ने वर्चुअल जंगल सफारी और रिवर राफ्टिंग जैसे साहसिक पर्यटन का अनुभव लिया।
इस सेंटर का उद्घाटन प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति तथा प्रबंध संचालक, एमपी टूरिज्म बोर्ड, शिव शेखर शुक्ला ने किया। उन्होंने कहा कि “मध्यप्रदेश में सबके लिए कुछ न कुछ है – चाहे वह संस्कृति प्रेमी हो, इतिहासकार हो या प्रकृति प्रेमी। इस पहल के माध्यम से बच्चों को बचपन से ही पर्यटन के प्रति जागरूक और संवेदनशील बनाना हमारा उद्देश्य है।”
बच्चों के माध्यम से पूरे परिवार तक पहुंचेगा मध्यप्रदेश का पर्यटन आकर्षण
किडजानिया के चीफ बिजनेस ऑफिसर तरणदीप सिंह शेखोंन ने इस अभिनव पहल की सराहना करते हुए कहा कि “यह पहली बार है जब किसी राज्य ने बच्चों के माध्यम से परिवारों तक पर्यटन स्थलों को पहुंचाने की पहल की है। मध्यप्रदेश का यह नवाचार बच्चों को जिम्मेदार पर्यटक बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।”
इस अवसर पर एमपी टूरिज्म बोर्ड की अतिरिक्त प्रबंध संचालक बिदिशा मुखर्जी ने बताया कि “यह सेंटर बच्चों को रोमांचक वर्चुअल अनुभवों के माध्यम से मध्यप्रदेश के पर्यटन स्थलों से जोड़ेगा। आने वाले समय में इसे और अधिक समृद्ध और इंटरैक्टिव बनाया जाएगा।”
जंगल सफारी और रिवर राफ्टिंग: बच्चों के लिए रोमांच का संसार
सेंटर में दो प्रमुख वर्चुअल अनुभव प्रस्तुत किए गए हैं:
जंगल सफारी: बच्चे वर्चुअल जीप में बैठकर कान्हा, पेंच और सतपुड़ा जैसे राष्ट्रीय उद्यानों में जंगली जानवरों को देखने का अनुभव करते हैं।
रिवर राफ्टिंग: बच्चों को मध्यप्रदेश की नदियों की लहरों पर रोमांचक सवारी कराई जाती है।
इन अनुभवों को और अधिक वास्तविक बनाने के लिए वर्चुअल रियलिटी, मोशन सेंसिंग तकनीक, एनवायरनमेंटल सिमुलेशन और 3D इफेक्ट्स का उपयोग किया गया है। बच्चों को हरी सफारी जैकेट पहनाई जाती है जिससे वे खुद को एक असली पर्यटक की भूमिका में अनुभव कर सकें।
सीखने और खेलने का संगम
प्रत्येक अनुभव के बाद बच्चों से दस प्रश्न पूछे जाते हैं और सही उत्तर देने पर उन्हें किडजानिया करेंसी (KidZos) पुरस्कार स्वरूप मिलती है। बच्चों को पर्सनलाइज्ड पोस्टकार्ड डिजाइन करने का भी अवसर मिलता है, जिसे वे घर लेकर जा सकते हैं। इसके अलावा कस्टम स्टिकर्स, बच्चों की डायरी और रंगीन पेंसिल्स जैसे गिफ्ट भी प्रदान किए जाते हैं।
भावी पीढ़ी के लिए सीख और संवेदना का केंद्र
इस अनुभव के माध्यम से बच्चे विभिन्न कौशल भी विकसित कर रहे हैं, जैसे:
जानवरों की पहचान और प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता
पर्यवेक्षण और विश्लेषण जैसे संज्ञानात्मक कौशल
समूह में सहभागिता और संवाद जैसे सामाजिक कौशल