BY: Yoganand Shrivastva
मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, जस्टिस पीवी संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने साफ किया कि अगली सुनवाई तक:
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
नई दिल्ली: वक्फ संशोधन कानून, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली 70 से अधिक याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में दूसरे दिन सुनवाई हुई। इस अहम मामले में शीर्ष अदालत ने फिलहाल केंद्र सरकार को राहत देते हुए कानून पर स्टे लगाने से इनकार कर दिया है, लेकिन साथ ही कुछ महत्वपूर्ण अंतरिम निर्देश भी जारी किए हैं।
- वक्फ कानून पर कोई रोक नहीं लगाई जाएगी।
- लेकिन कोई नई नियुक्ति नहीं होगी, न ही वक्फ बोर्ड या किसी परिषद का गठन किया जाएगा।
- वक्फ संपत्तियों की स्थिति में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
- पहले से घोषित वक्फ यूजर्स की स्थिति भी यथावत रहेगी।
केंद्र को जवाब दाखिल करने के लिए 7 दिन का समय
भारत सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से एक सप्ताह का समय मांगा, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा:
“केंद्र सरकार 7 दिन में संक्षिप्त जवाब दाखिल करे, और उसके बाद अगले 5 दिनों के भीतर याचिकाकर्ता अपना प्रत्युत्तर दें।”
सॉलिसिटर जनरल ने यह भी भरोसा दिलाया कि इस दौरान सरकार 2025 अधिनियम के तहत कोई नई नियुक्ति या प्रशासनिक कार्य नहीं करेगी।
अदालत की प्रमुख टिप्पणियां
- “यथास्थिति बनी रहेगी, वक्फ संपत्तियों का वर्तमान उपयोग और स्वामित्व यथावत रहेगा।”
- “अगली सुनवाई तक न कोई नया बोर्ड बनेगा, न कोई नवीन परिषद गठित की जाएगी।”
- “केवल 5 याचिकाकर्ता ही अदालत में पेश होंगे। बाकी याचिकाएं या तो निपटा दी जाएंगी या उन्हें संबंधित आवेदन के रूप में माना जाएगा।”
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि अब यह मामला “इन री: वक्फ संशोधन अधिनियम” के नाम से जाना जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट के इस अंतरिम आदेश से यह साफ हो गया है कि वक्फ संशोधन कानून पर अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन नई नियुक्तियों और संपत्तियों के स्वरूप में परिवर्तन पर अस्थायी रोक लगा दी गई है। इससे कानून की वैधता को लेकर कानूनी प्रक्रिया को गति मिलेगी और सभी पक्षों को जवाब देने का उचित समय भी मिलेगा।