शिक्षा पाने की जिद में हर दिन की लड़ाई
रिपोर्ट- पुनीत कुमार सेन
अनूपपुर: विकास के दावों की असलियत तब उजागर होती है जब ज़मीनी हालात पर नज़र डाली जाए। अनूपपुर जिले के अनूपपुर विकासखंड के ग्राम कोहका खोडरी नम्बर दो की तस्वीर कुछ ऐसी ही है, जहां बच्चे शिक्षा के मंदिर तक पहुंचने के लिए हर दिन कीचड़ से सनी तकलीफ भरी राह से गुजरने को मजबूर हैं।
यहां स्थित सीएम राइज हायर सेकेंडरी स्कूल, प्राथमिक विद्यालय और हायर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं बारिश के मौसम में जान जोखिम में डालकर स्कूल जाते हैं। स्कूल जाने का एकमात्र रास्ता करीब एक किलोमीटर लंबी कच्ची सड़क है, जो बारिश में कीचड़ में तब्दील हो जाती है। बच्चे जूते-चप्पल हाथ में लिए, नंगे पांव कीचड़ से लथपथ रास्तों पर चलते हैं। ड्रेस गंदी हो जाती है, किताबें खराब हो जाती हैं और कई बार फिसलकर चोट भी लग जाती है। ऐसे में शिक्षा का यह संघर्ष किसी युद्ध से कम नहीं।

न प्रशासन जागा, न जनप्रतिनिधि
गांव के लोग और पालक वर्षों से इस समस्या को उठा रहे हैं। पंचायत और प्रशासन को कई बार ज्ञापन भी सौंपा गया, लेकिन हर बार नतीजा सिफर रहा। बरसात आते ही परेशानी चरम पर पहुंच जाती है। खासकर वे छात्र जो छात्रावास में रहते हैं, उन्हें ज़रूरी सामान लेने भी बाहर जाना हो तो यही कीचड़भरा रास्ता सबसे बड़ी बाधा बन जाता है।
“सीएम राइज” का दावा सिर्फ नाम तक सीमित
सरकार के ‘सीएम राइज स्कूल’ योजना का उद्देश्य था कि गरीब और ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को भी उत्कृष्ट शिक्षा मिले, लेकिन यहां तो बच्चे स्कूल तक पहुंचने के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं। सरकार की नीतियों और जमीनी हकीकत के बीच की खाई इन बच्चों के भविष्य को निगलती जा रही है। जिस स्कूल में सरकार आधुनिक शिक्षा के सपने दिखा रही है, वहां तक पहुंचने के लिए भी रास्ता नहीं।

चुनाव में वादे, बाद में सन्नाटा
गांववाले बताते हैं कि जनप्रतिनिधि सिर्फ चुनाव के वक्त ही दिखते हैं, बड़े-बड़े वादे करते हैं, लेकिन चुनाव जीतते ही यह समस्याएं उनके लिए अदृश्य हो जाती हैं। बच्चों की यह हालत देखकर भी जिम्मेदारों की आंखें नहीं खुल रहीं।
अब वक्त है, व्यवस्था जागे
अब समय आ गया है कि शासन-प्रशासन और जनप्रतिनिधि इस गंभीर समस्या की ओर ध्यान दें। बच्चों की शिक्षा के रास्ते में कीचड़ नहीं, एक मजबूत और पक्का मार्ग होना चाहिए, ताकि वे बिना डर और तकलीफ के स्कूल जा सकें और अपने सपनों को साकार कर सकें।