भोपाल:
मध्य प्रदेश में बिजली विभाग द्वारा लगाए जा रहे ‘स्मार्ट मीटर’ आम लोगों के लिए सिरदर्द बन चुके हैं। जिन घरों में पहले 200 से 500 रुपये का मासिक बिल आता था, वहां अब 5,000 से लेकर 15,000 रुपये तक के बिजली बिल थमाए जा रहे हैं। इससे भोपाल, सीहोर और बुरहानपुर के नागरिकों में हड़कंप मच गया है।
🔎 स्मार्ट मीटर क्यों बने जनता के लिए संकट?
भोपाल के नारियलखेड़ा जैसे इलाकों में दर्जनों लोग शिकायत कर रहे हैं कि उनका बिजली बिल अचानक कई गुना बढ़ गया है। बिना एसी या कूलर वाले साधारण दो कमरों के घर में भी हजारों रुपये का बिल आ रहा है।
👉 एक व्यक्ति ने बताया कि उनकी मां के निधन के कारण बिल भरने में एक दिन की देरी हो गई, और विभाग ने बिजली काट दी।
📢 जनता सड़कों पर, अधिकारी चुप क्यों?
- सीहोर में लोगों ने कलेक्टर ऑफिस का घेराव कर विरोध जताया।
- बुरहानपुर में कांग्रेस ने शहर बंद का आह्वान किया।
- भोपाल में बिजली कार्यालयों के बाहर लंबी कतारें लग रही हैं।
लोगों की मांग है कि बिलों की जांच कराई जाए और उन्हें राहत दी जाए।
🏢 सरकार की प्रतिक्रिया और जांच के आदेश
मंत्री लखन पटेल ने माना कि स्मार्ट मीटर से जुड़े बिलों की शिकायतें उन्हें भी मिल रही हैं। उन्होंने कहा:
“मैंने विभाग को जांच के निर्देश दिए हैं। यदि कोई गड़बड़ी है, तो कार्रवाई जरूर होगी।”
बिजली विभाग के सीनियर PRO मनोज द्विवेदी ने भी स्वीकार किया कि सागर और विदिशा जैसे स्थानों पर शिकायतें मिली थीं और उन्हें सुलझाया गया है।
📈 18 लाख स्मार्ट मीटर लग चुके, 2027 तक 50 लाख का लक्ष्य
अब तक पूरे मध्य प्रदेश में 18 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं और 2027 तक 50 लाख मीटर लगाने का लक्ष्य है। लेकिन अगर यही हाल रहा, तो यह योजना जनता की परेशानी का कारण बन सकती है, न कि राहत का।