रायपुर। छत्तीसगढ़ के श्री रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च (Shri Rawatpura Sarkar Institute of Medical Sciences and Research) से जुड़ा करोड़ों रुपये का मान्यता घोटाला बड़ा रूप ले चुका है। इस मामले में सीबीआई (CBI) ने संस्थान के चेयरमैन रविशंकर जी महाराज (Ravishankar Ji Maharaj) समेत कुल 36 लोगों को आरोपी बनाया है। जांच में बड़े डॉक्टर, सरकारी अफसर और तकनीकी कंपनियों के लोग भी फंसे हैं।
क्या है पूरा मामला?
रावतपुरा मेडिकल कॉलेज की मान्यता दिलाने के लिए कथित रूप से करोड़ों रुपये की रिश्वत दी गई थी। सीबीआई को सूचना मिली थी कि निरीक्षण प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए मोटी रकम का लेनदेन हो रहा है।
जांच में सामने आया कि रिपोर्ट को कॉलेज के पक्ष में करने के लिए डॉक्टरों और अफसरों को रिश्वत दी गई। इस पूरे प्रकरण में संस्थान के चेयरमैन रविशंकर जी महाराज की सीधी भूमिका भी उजागर हुई है।
शुरुआती जांच के बाद 6 लोगों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था। जांच आगे बढ़ने पर अब यह मामला 36 आरोपियों तक पहुंच गया है।
किन-किन बड़े नामों पर गिरी गाज?
सीबीआई की चार्जशीट में जिन प्रमुख लोगों के नाम सामने आए हैं, वे इस प्रकार हैं:
✅ रविशंकर जी महाराज – चेयरमैन, रावतपुरा इंस्टीट्यूट, घोटाले में मुख्य आरोपी
✅ अतुल कुमार तिवारी – डायरेक्टर
✅ लक्ष्मीनारायण चंद्राकर – एकाउंटेंट
साथ ही देशभर के प्रतिष्ठित डॉक्टर और अफसर भी इस घोटाले में आरोपी बनाए गए हैं:
- डॉ. मंजुप्पा सीएन, मांड्या आयुर्विज्ञान संस्थान
- डॉ. चैत्रा एमएस, एनएमसी निरीक्षण दल
- डॉ. अशोक शेलके, डॉ. सतीश, डॉ. पी. रजनी रेड्डी
इसके अलावा, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़े कई अफसरों के नाम भी शामिल हैं:
- जीतू लाल मीना
- धर्मवीर
- पीयूष माल्यान
- राहुल श्रीवास्तव
- अनूप जायसवाल
तकनीकी कंपनियां और अन्य संस्थान भी घेरे में
इस घोटाले में तकनीकी कंपनियां और अन्य शैक्षणिक संस्थान भी शामिल पाए गए हैं:
- टेकइन्फी सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड के प्रोजेक्ट लीड आर. रणदीप नायर
- गीतांजलि यूनिवर्सिटी, उदयपुर
- टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल स्टडीज, मुंबई
- इंडेक्स मेडिकल कॉलेज
- स्वामीनारायण आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान, गांधीनगर
कैसे हुआ घोटाले का खुलासा?
सूत्रों से मिली पक्की जानकारी के बाद सीबीआई ने रावतपुरा मेडिकल कॉलेज और संस्थान के चेयरमैन रविशंकर जी महाराज की गतिविधियों पर नजर रखी।
जांच में यह स्पष्ट हुआ कि कॉलेज की मान्यता प्रक्रिया में भारी भ्रष्टाचार हुआ। रिपोर्ट को प्रभावित करने के लिए डॉक्टरों और अफसरों को रिश्वत दी गई। पहले 6 लोगों की गिरफ्तारी के बाद जांच में तेजी आई और अब कुल 36 आरोपी बनाए गए हैं।
अगला कदम: क्या हो सकता है?
- मंगलवार को पकड़े गए 6 आरोपियों को रायपुर की विशेष अदालत में पेश किया गया।
- सीबीआई ने इनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 61(2) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7, 8, 9, 10 और 12 के तहत केस दर्ज किया है।
- सभी आरोपियों से, खासतौर पर संस्थान के चेयरमैन रविशंकर जी महाराज से गहन पूछताछ की जाएगी।
- सीबीआई की टीम अब और गिरफ्तारियां भी कर सकती है।
निष्कर्ष
रावतपुरा मेडिकल कॉलेज घोटाले ने शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर किया है। चेयरमैन रविशंकर जी महाराज, डॉक्टरों और अफसरों की मिलीभगत से छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ हुआ है।
अब देश की नजरें सीबीआई जांच पर टिकी हैं, जिससे पता चलेगा कि क्या सच में दोषियों को सख्त सजा मिलेगी या यह मामला भी लंबी कानूनी प्रक्रिया में उलझ जाएगा।