BY: MOHIT JAIN
भारत में हजारों मंदिर हैं, लेकिन कुछ मंदिर ऐसे भी हैं जिनकी रहस्यमयी कहानियां लोगों को सोचने पर मजबूर कर देती हैं। मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में स्थित ककनमठ मंदिर उन्हीं में से एक है। कहा जाता है कि यह शिव मंदिर एक ही रात में भूतों द्वारा बनाया गया था। चाहे आप इतिहास प्रेमी हों या आध्यात्मिक यात्री, यह मंदिर आपको अपनी रहस्यमयी कहानी से आकर्षित करेगा।
कहां स्थित है ककनमठ मंदिर?
ककनमठ मंदिर, मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के सिहोनिया कस्बे में स्थित है। यह जमीन से करीब 115 फीट की ऊंचाई पर बना हुआ है और सिहोनिया से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी से ही दिखाई देता है।
मंदिर का इतिहास: राजा कीर्ति राज और रानी ककनावती की आस्था
इतिहासकारों के अनुसार, ककनमठ मंदिर का निर्माण 11वीं शताब्दी में कछवाहा वंश के राजा कीर्ति राज द्वारा करवाया गया था।
उनकी पत्नी रानी ककनावती भगवान शिव की प्रबल भक्त थीं। आसपास शिव मंदिर न होने के कारण राजा ने उनकी श्रद्धा के लिए यह मंदिर बनवाया। यही कारण है कि इस मंदिर का नाम ककनमठ रानी ककनावती के नाम पर रखा गया।
एक रात में बना मंदिर! रहस्यमयी कथा
इस मंदिर से जुड़ी सबसे दिलचस्प कहानी यह है कि इसे एक ही रात में भूतों ने बनाया था।
कहते हैं कि शिवजी के आदेश पर भूतों ने इस मंदिर का निर्माण शुरू किया, लेकिन सुबह होते ही वे अधूरा छोड़कर चले गए।
हालांकि यह सिर्फ एक मान्यता है, लेकिन इस रहस्य ने मंदिर को अलौकिक और रहस्यमयी बना दिया है।
निर्माण तकनीक: न चूना, न गारा, फिर भी अडिग

- मंदिर के निर्माण में न चूना और न गारा का इस्तेमाल हुआ है।
- पत्थरों को एक के ऊपर एक बेहद सटीक तरीके से रखा गया है।
- देखने पर लगता है कि मंदिर गिरने वाला है, लेकिन यह 1000 साल से वैसा का वैसा ही खड़ा है।
- न आंधी, न तूफान—कोई भी ताकत इसे हिला नहीं सकी है।
पत्थरों की रहस्यमयी उत्पत्ति

एक और हैरान करने वाली बात यह है कि मंदिर में लगे पत्थर इस क्षेत्र में कहीं भी नहीं पाए जाते।
तो फिर ये पत्थर आए कहां से?
यह सवाल आज भी शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों के लिए एक पहेली बना हुआ है।
टूटी मूर्तियां और खंडहर का आकर्षण

मंदिर आज एक खंडहर के रूप में देखा जा सकता है। यहां कई प्राचीन मूर्तियां टूटी अवस्था में मौजूद हैं।
इनमें से कुछ मूर्तियां ग्वालियर के म्यूज़ियम में भी संरक्षित की गई हैं।
इसके बावजूद, मंदिर में शिवलिंग आज भी मौजूद है और श्रद्धालु पूजा-अर्चना के लिए यहां आते हैं।
क्या कहते हैं वैज्ञानिक?
वैज्ञानिकों द्वारा मंदिर की संरचना की जांच की जा चुकी है, लेकिन वे भी यह नहीं समझ सके कि बिना किसी बाइंडिंग मैटेरियल के यह मंदिर इतने सालों से कैसे स्थिर है।
क्यों जाएं ककनमठ मंदिर?
- आध्यात्मिक अनुभव: भगवान शिव को समर्पित पवित्र स्थान
- इतिहास और रहस्य का मेल: एक ही जगह पर ऐतिहासिकता और लोककथाएं
- स्थापत्य कला: बिना चूने-गारे के निर्माण की अद्भुत मिसाल
- पर्यटन के लिए आदर्श: मुरैना या ग्वालियर भ्रमण में इसे शामिल करना एक शानदार अनुभव हो सकता है
भूतों का चमत्कार या स्थापत्य का कमाल?
ककनमठ मंदिर आज भी लोगों को चौंकाता है।
भले ही “भूतों ने एक रात में बनाया” वाली कहानी विज्ञान को मान्य न लगे, लेकिन इस मंदिर की वास्तुकला, इसके निर्माण से जुड़ा रहस्य, और इसकी धार्मिक मान्यता इसे भारत के सबसे अनोखे मंदिरों में से एक बनाती है।
यह खबर भी पढें: इस मंदिर में लगती है “शिव की अदालत”