15 जुलाई 2025, मंगलवार को सावन का पहला मंगला गौरी व्रत रखा जा रहा है। यह विशेष व्रत मां पार्वती को समर्पित होता है, जो नवविवाहित महिलाओं के लिए सौभाग्य, सुख और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
🌺 मंगला गौरी व्रत 2025 कब है?
इस वर्ष मंगला गौरी व्रत की शुरुआत 15 जुलाई 2025 को हो रही है, जो सावन महीने का पहला मंगलवार है। यह व्रत विशेष रूप से विवाहित और नवविवाहित महिलाओं द्वारा देवी पार्वती की कृपा पाने के लिए किया जाता है।
🙏 व्रत का महत्व
- यह व्रत सौभाग्य, पति की लंबी उम्र और दांपत्य जीवन की स्थिरता के लिए किया जाता है।
- धार्मिक मान्यता है कि जो महिलाएं यह व्रत श्रद्धा से करती हैं, उनके जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
- यह व्रत उन कन्याओं के लिए भी लाभकारी माना गया है जिनकी शादी में बाधाएं आ रही हों।
🧘♀️ मंगला गौरी व्रत की पूजा विधि
पूजा विधि को सही ढंग से करने से व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है:
पूजन सामग्री:
- गंगाजल या गोमूत्र
- लाल/पीला कपड़ा
- मां गौरी की मूर्ति या चित्र
- हल्दी, कुमकुम, अक्षत
- पुष्प, नारियल, मिठाई, फल
- गेहूं, पान, सुपारी
- सोलह श्रृंगार की वस्तुएं (चूड़ियां, सिंदूर, बिंदी आदि)
पूजा प्रक्रिया:
- प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- पूजा स्थान को पवित्र करें और चौकी पर कपड़ा बिछाएं।
- मां गौरी की प्रतिमा को स्थापित करें और उन्हें पूजन सामग्री अर्पित करें।
- गेहूं से बने दीपकों की कतार लगाएं और दीप प्रज्वलित करें।
- देवी को भोग अर्पित करें और मंगला गौरी व्रत की कथा पढ़ें या सुनें।
- नवविवाहिताएं सास को वस्त्र, मिठाई और श्रृंगार सामग्री भेंट करें।
- अंत में देवी की आरती करें और प्रसाद वितरित करें।
📿 व्रत के प्रमुख मंत्र
पूजन के दौरान इन मंत्रों का जाप करना अत्यंत फलदायी होता है:
- सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्येत्र्यंबके गौरी नारायणी नमोस्तुते॥ - कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।
सदा वसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि॥ - ह्रीं मंगले गौरि विवाहबाधां नाशय स्वाहा।
- ॐ गौरीशंकराय नमः।
📜 व्रत के नियम (Rules of Mangala Gauri Vrat)
- पूरे दिन पवित्रता और संयम बनाए रखें।
- व्रत में अन्न का त्याग करें, केवल फलाहार कर सकते हैं।
- क्रोध, कटु वचन और नकारात्मक विचारों से दूर रहें।
- यह व्रत 5 या 16 वर्षों तक लगातार करना श्रेष्ठ माना गया है।
- अंतिम वर्ष में उद्यापन (समापन पूजा) करना आवश्यक है।
- यदि संभव न हो, तो एक बार भी श्रद्धा से व्रत करना लाभकारी होता है।
🌸 व्रत करने से प्राप्त होने वाले लाभ
- वैवाहिक जीवन में प्रेम और स्थिरता आती है।
- पति की दीर्घायु और संतति सुख की प्राप्ति होती है।
- जीवन में आने वाले संकटों का नाश होता है।
- घर में सुख-शांति और लक्ष्मी का वास होता है।
📝 निष्कर्ष
मंगला गौरी व्रत 2025 केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं है, बल्कि यह एक आध्यात्मिक साधना भी है, जो स्त्रियों को आत्मबल, मानसिक शांति और वैवाहिक जीवन की समृद्धि देती है। सही विधि, श्रद्धा और नियमों के साथ किए गए इस व्रत से मां पार्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है।