रांची: झारखंड में साइबर ठगों ने एक बार फिर बड़ी वारदात को अंजाम दिया है। इस बार उनके जाल में कोई आम नागरिक नहीं बल्कि खुद पांकी विधानसभा सीट से विधायक कुशवाहा शशिभूषण मेहता फंस गए। ठगों ने उन्हें टोयोटा फॉर्च्यूनर कार की नीलामी का झांसा देकर 1.27 लाख रुपये ठग लिए। मामले की शिकायत विधायक ने साइबर थाने में दर्ज करा दी है।
कैसे हुई ठगी? जानिए पूरा मामला
विधायक शशिभूषण मेहता के मुताबिक, ठगों ने खुद को कस्टम विभाग का अधिकारी बताकर संपर्क किया। आरोपियों ने बताया कि पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में कस्टम विभाग ने कई गाड़ियां जब्त की हैं, जिनकी नीलामी की जा रही है। इसी बहाने उन्होंने फॉर्च्यूनर कार दिलाने का लालच दिया।
- ठग ने व्हाट्सऐप पर गाड़ियों की तस्वीरें भेजीं।
- फॉर्च्यूनर की कीमत 12.70 लाख रुपये बताई गई।
- नीलामी में शामिल होने के लिए कुल कीमत का 10% यानी 1.27 लाख रुपये एडवांस मांगे गए।
आरोपियों ने कैसे बनाई ठगी की पूरी योजना?
ठगों ने सुनियोजित तरीके से पूरा जाल बिछाया:
✅ आरोपी ने खुद को GST-कस्टम अधिकारी बताया।
✅ व्हाट्सऐप पर गाड़ियों की फर्जी तस्वीरें भेजीं।
✅ संपर्क के लिए अनूप नामक व्यक्ति का नंबर दिया गया।
✅ भुगतान के लिए आकाश सिन्हा के बैंक खाते की डिटेल दी गई।
✅ विधायक के निजी सहायक से 1.27 लाख रुपये ट्रांसफर कराए।
✅ भुगतान के बाद फर्जी रसीद भेजी गई और मोबाइल नंबर बंद कर दिए गए।
विधायक मुंबई में थे, निजी सहायक से कराया भुगतान
घटना के वक्त विधायक मुंबई में लोकसभा प्राक्कलन समिति की बैठक में भाग लेने गए थे। ऐसे में उन्होंने अपने निजी सहायक सरोज कुमार चटर्जी को पैसे भेजने का निर्देश दिया। भुगतान होते ही आरोपियों ने मोबाइल स्विच ऑफ कर लिया।
पुलिस में मामला दर्ज, जांच जारी
विधायक ने इस पूरे मामले में रितेश कुमार, अनूप कुमार और आकाश सिन्हा के खिलाफ साइबर थाने में प्राथमिकी (FIR) दर्ज करवाई है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, फिलहाल पूरे मामले की गहराई से जांच की जा रही है और आरोपियों की तलाश जारी है।
साइबर ठगी से कैसे बचें? जरूरी सुझाव
इस घटना से एक बार फिर साफ हो गया है कि साइबर ठग बड़े-बड़े नेताओं को भी अपना शिकार बना सकते हैं। इसलिए सतर्क रहें और इन बातों का ध्यान रखें:
✔ अनजान कॉल्स या व्हाट्सऐप मैसेज पर भरोसा न करें।
✔ कोई भी रकम ट्रांसफर करने से पहले संबंधित विभाग से आधिकारिक पुष्टि करें।
✔ संदिग्ध नंबरों की तुरंत पुलिस में शिकायत करें।
✔ सरकारी नीलामी या किसी भी सरकारी स्कीम की जानकारी केवल आधिकारिक वेबसाइट से ही लें।
ऐसे मामले लगातार बढ़ रहे हैं
देशभर में साइबर ठगी के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। खासतौर पर सोशल मीडिया, व्हाट्सऐप और कॉलिंग के जरिए ठग लोगों को आसान कमाई या सस्ती डील का लालच देकर जाल में फंसा रहे हैं। ऐसे में आम नागरिकों के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों को भी अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत है।