विश्व बैंक की नई रिपोर्ट के अनुसार भारत अब दुनिया का चौथा सबसे ‘समान’ देश बन गया है। गिनी इंडेक्स के ताज़ा आंकड़े बताते हैं कि भारत ने आय वितरण में अमेरिका, यूके और चीन जैसे बड़े देशों को पीछे छोड़ दिया है।
आइए जानते हैं इस रिपोर्ट के आंकड़ों और इसके मायनों को विस्तार से।
क्या है गिनी इंडेक्स और भारत का स्कोर?
गिनी इंडेक्स किसी देश में आय या धन के वितरण में समानता और असमानता को मापने का एक अंतरराष्ट्रीय मापदंड है।
- इस इंडेक्स में 0 का स्कोर पूर्ण समानता को दर्शाता है।
- जबकि 100 का स्कोर अधिकतम असमानता को दिखाता है।
भारत का प्रदर्शन:
- 2011-12 में गिनी इंडेक्स: 28.8
- 2022-23 में गिनी इंडेक्स: 25.5
इस आंकड़े के साथ भारत को ‘मध्यम रूप से कम असमानता’ वाले देशों में शामिल किया गया है।
तुलना:
- चीन: 35.7
- अमेरिका: 41.8
- यानी, इन देशों की तुलना में भारत में आय वितरण कहीं अधिक समान है।
कौन-कौन हैं भारत से आगे?
हालांकि भारत चौथे स्थान पर है, लेकिन उससे आगे ये तीन देश हैं:
- स्लोवाक रिपब्लिक – 24.1
- स्लोवेनिया – 24.3
- बेलारूस – 24.4
इसके बाद भारत का स्थान है।
गरीबी में आई जबरदस्त गिरावट
भारत में आय समानता में सुधार का एक बड़ा कारण अत्यधिक गरीबी में भारी कमी है।
आंकड़े:
- 2011-12 में अत्यधिक गरीबी: 16.2%
- 2022-23 में घटकर: 2.3%
- यानी, करीब 17.1 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले।
ग्रामीण और शहरी अंतर:
- ग्रामीण गरीबी: 18.4% से घटकर 2.8%
- शहरी गरीबी: 10.7% से घटकर 1.1%
- ग्रामीण-शहरी अंतर: 7.7% से घटकर 1.7%
किन राज्यों में दिखा बदलाव?
भारत की अत्यधिक गरीब आबादी का 65% हिस्सा इन पांच राज्यों में था:
- उत्तर प्रदेश
- महाराष्ट्र
- बिहार
- पश्चिम बंगाल
- मध्य प्रदेश
इन राज्यों ने गरीबी घटाने में दो-तिहाई योगदान दिया है। हालांकि अब भी 54% अत्यंत गरीब आबादी इन्हीं राज्यों में है।
सरकारी योजनाओं की भूमिका
भारत में आय समानता और गरीबी में गिरावट के पीछे कई प्रमुख योजनाओं का योगदान रहा है:
- प्रधानमंत्री जनधन योजना
- डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT)
- स्टैंड-अप इंडिया
इन योजनाओं ने वित्तीय समावेशन, शिक्षा, स्वास्थ्य और जीवन स्तर में सुधार के जरिए व्यापक प्रभाव डाला है।
भारत की बड़ी छलांग
भारत का गिनी इंडेक्स में चौथे स्थान पर आना वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
यह न केवल भारत की आर्थिक नीतियों की सफलता को दर्शाता है, बल्कि सामाजिक विकास और गरीबी उन्मूलन की दिशा में किए गए सकारात्मक प्रयासों को भी मान्यता देता है।
यह रिपोर्ट बताती है कि—
“भारत अब केवल आर्थिक रूप से नहीं, बल्कि सामाजिक समानता में भी वैश्विक ताकत बन रहा है।”