एक उभरते हुए तेज गेंदबाज की सफलता की कहानी
दिल्ली: हिमांशु सांगवान, जो हाल ही में विराट कोहली के रणजी ट्रॉफी में वापसी को तोड़ने वाले गेंदबाज के रूप में सुर्खियों में आए, भारतीय क्रिकेट में एक नया नाम बन चुके हैं। दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में हुए रणजी ट्रॉफी मुकाबले में, हिमांशु ने विराट कोहली को केवल 6 रन पर आउट कर दिया, जिससे कोहली का बहुप्रतीक्षित वापसी मुकाबला जल्दी ही खत्म हो गया। यह घटना क्रिकेट फैंस के लिए अविस्मरणीय बन गई, क्योंकि कोहली ने 13 साल बाद दिल्ली के लिए रणजी ट्रॉफी में वापसी की थी।

प्रारंभिक जीवन और करियर की शुरुआत
हिमांशु सांगवान का जन्म 2 सितंबर, 1995 को दिल्ली में हुआ। क्रिकेट के प्रति उनकी रुचि बहुत छोटी उम्र में ही विकसित हो गई थी। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत रेलवे टीम के साथ की और 2019-20 विजय हजारे ट्रॉफी में अपना लिस्ट ए डेब्यू किया। इसके बाद, उन्होंने 2019 में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में टी20 क्रिकेट में भी कदम रखा और फिर रणजी ट्रॉफी में रेलवे की ओर से पहला मैच खेला।
रणजी ट्रॉफी में सफलता
हिमांशु ने रणजी ट्रॉफी में 23 मैचों में 77 विकेट हासिल किए हैं, जो उनके पहले-class क्रिकेट में कड़ी मेहनत का परिणाम है। उन्होंने लिस्ट ए में 17 मैचों में 21 विकेट और टी20 क्रिकेट में 7 मैचों में 5 विकेट भी झटके हैं। इस निरंतरता और क्षमता के साथ, वह आगामी भारतीय तेज गेंदबाजों की सूची में एक अहम नाम बनते जा रहे हैं।
विराट कोहली के खिलाफ ऐतिहासिक विकेट
दिल्ली बनाम रेलवे के मुकाबले में, हिमांशु ने विराट कोहली को अपनी तेज गेंदबाजी से चौंका दिया। कोहली ने जैसे ही मैदान पर कदम रखा, उन्हें भारी उम्मीदें थीं, लेकिन हिमांशु ने उन्हें अपनी पहली ही गेंद पर आउट कर दिया। कोहली के ऑफ स्टंप को उखाड़ते हुए उन्होंने यह साबित कर दिया कि वह बड़े मंच पर दबाव का सामना कर सकते हैं।
आगे का रास्ता
अब तक के अपने शानदार प्रदर्शन से हिमांशु सांगवान ने यह साबित कर दिया है कि वह भविष्य में भारत के लिए एक अहम खिलाड़ी बन सकते हैं। उनकी गेंदबाजी में गति, नियंत्रण और विविधता है, जो उन्हें एक बेहतरीन तेज गेंदबाज बनाता है। क्रिकेट के बड़े मंच पर उनका भविष्य उज्जवल दिखता है, और आगामी सालों में हम उनकी और अधिक शानदार पारियों की उम्मीद कर सकते हैं।
इस प्रकार, हिमांशु सांगवान की कहानी एक प्रेरणा है, जो यह दिखाती है कि कठिन मेहनत और समर्पण से बड़े अवसरों को हासिल किया जा सकता है।
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