हिमाचल प्रदेश में बारिश एक बार फिर कहर बनकर टूटी है। मंडी जिले समेत कई इलाकों में बादल फटने और भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। सड़कों से लेकर बिजली और संचार व्यवस्था तक बुरी तरह प्रभावित हो चुकी है। प्रशासन ने राहत-बचाव कार्य तेज कर दिए हैं। सबसे ज्यादा नुकसान मंडी, करसोग, गोहर और सुंदरनगर में देखा गया है।
मुख्य बातें:
- मंडी में भारी बारिश और बादल फटने की घटनाएं
- 261 सड़कें बंद, 1700 ट्रांसफॉर्मर ठप
- 1 व्यक्ति की मौत, 18 लोग लापता
- एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत कार्य में जुटीं
मंडी में मूसलाधार बारिश से तबाही
मंडी जिले में सोमवार रात से लगातार बारिश हो रही है, जिसकी वजह से कई इलाकों में बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति बन गई है। धर्मपुर, गोहर, बगस्याड, पंडोह और सराज क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। ताजा प्रशासनिक रिपोर्ट के मुताबिक:
- 261 सड़कें बंद
- 1700 से ज्यादा ट्रांसफार्मर ठप
- कई घर क्षतिग्रस्त और संचार व्यवस्था प्रभावित
मंडी के संधोल में पिछले 24 घंटों में सबसे ज्यादा 223.6 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो हालात की गंभीरता को दर्शाता है।
करसोग और गोहर में सबसे ज्यादा नुकसान
प्रशासन की रिपोर्ट के अनुसार करसोग उपमंडल में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। यहां एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि 4 लोग लापता हैं। वहीं, गोहर उपमंडल के स्यांज गांव में एक ही परिवार के 9 लोग लापता बताए जा रहे हैं। सराज क्षेत्र के बाड़ा गांव से 2 और तलवाड़ा गांव से 3 लोग लापता हैं, हालांकि राहत की बात यह है कि:
✔ बाड़ा गांव से 4 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया
✔ तलवाड़ा से एक बच्ची को सुरक्षित निकाला गया
सुंदरनगर में भी बादल फटने से नुकसान
सुंदरनगर के सिवाली गांव में बादल फटने से दो मकान बह गए हैं और 9 लोग लापता हैं। बगा गांव में मकान गिरने की घटना में 6 लोग दबे, जिनमें से 4 को बचा लिया गया, जबकि 2 अब भी लापता हैं।
थुनाग उपमंडल में भारी बारिश के चलते संचार व्यवस्था ठप हो गई है। SDRF की टीम मौके पर राहत कार्य में जुटी हुई है।
मंडी शहर में जलभराव और सड़क हादसे
मंडी शहर के कई इलाकों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है। जेल रोड पर कई गाड़ियां सड़क से नीचे गिर गईं। पंचवक्त्र मंदिर परिसर तक पानी घुस गया था, हालांकि अब जलस्तर में कमी आई है। चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे 15 घंटे से बंद है। प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में 11 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया है।
धर्मपुर, करसोग और बल्लचौकी के हालात
- धर्मपुर उपमंडल के लौगणी और स्याड़ी गांव में बादल फटने से दो मकान ढह गए, 5 गौशालाएं तबाह हो गईं और 26 मवेशियों की मौत हो गई।
- करसोग के कुटी क्षेत्र में नदी किनारे फंसे 7 लोगों को NDRF की टीम ने रेस्क्यू किया।
- बल्लचौकी उपमंडल में मंगलौर ब्रिज को नुकसान हुआ है।
- चंडीगढ़-मनाली हाईवे पर कई जगह भूस्खलन हुआ है।
हिमाचल के अन्य जिलों में भी अलर्ट
कांगड़ा, हमीरपुर और मंडी में सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं। हमीरपुर के ब्लाह गांव में बाढ़ जैसे हालात बन गए थे, जहां पुलिस टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए लोगों को सुरक्षित निकाला।
बारिश का कहर जारी, अगले 3 दिन सतर्क रहने की जरूरत
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले तीन दिनों तक हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश का दौर जारी रहेगा। खासकर मंडी, करसोग, कांगड़ा, चंबा, शिमला और कुल्लू में सतर्क रहने की जरूरत है।
हिमाचल में बारिश से अब तक 44 मौतें
आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, हिमाचल में बीते 10 दिनों में बारिश और भूस्खलन से 44 लोगों की मौत हो चुकी है। प्रशासन लगातार हालात की निगरानी कर रहा है और राहत कार्य जारी हैं।
निष्कर्ष:
हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश ने जनजीवन को प्रभावित कर दिया है। प्रशासन, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत कार्य में जुटी हुई हैं, लेकिन लोगों को सतर्क रहने की सख्त जरूरत है। अगर आप हिमाचल में हैं तो मौसम अलर्ट पर ध्यान दें और जरूरी न हो तो बाहर न निकलें।