गुजरात के वडोदरा में बुधवार सुबह बड़ा हादसा हो गया, जब महिसागर नदी पर बना 45 साल पुराना पुल अचानक ट्रैफिक के बीच टूट गया। हादसे में अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है और 4 लोग अब भी लापता हैं। राहत और बचाव कार्य लगातार जारी है।
कैसे हुआ हादसा?
- बुधवार सुबह 7:30 बजे महिसागर नदी पर बना पुल अचानक ढह गया।
- उस समय पुल पर सामान्य ट्रैफिक चल रहा था।
- 2 ट्रक, 2 कार और 1 ई-रिक्शा नदी में गिर गए।
- एक टैंकर टूटे पुल के सिरे पर अटक गया, जिसे अब तक हटाया नहीं जा सका है।
रेस्क्यू ऑपरेशन: अब तक की स्थिति
- 13 शव बुधवार को ही मिले, जबकि 2 शव गुरुवार सुबह NDRF को बरामद हुए।
- 8 लोगों को नदी से सुरक्षित बाहर निकाला गया।
- SDRF, NDRF और स्थानीय लोग राहत कार्य में जुटे हुए हैं।
- एक महिला अपने पति और बेटे की तलाश में नदी के भीतर गई, लेकिन उनका कुछ पता नहीं चला।
स्थानीय लोगों की मदद बनी सहारा
- हादसे के बाद ग्रामीणों ने रस्सियों की मदद से लोगों को बाहर निकाला।
- कई लोगों को नावों के जरिए बचाया गया।
- SDRF के साथ मिलकर स्थानीय युवाओं ने घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाया।
पुल की स्थिति पहले से थी खराब
- महिसागर पर बना यह पुल 1981-82 में बनाया गया था।
- 2015 में इसकी बेयरिंग बदली गई थी, क्योंकि पुल की हालत जर्जर हो गई थी।
- स्थानीय लोगों ने बताया कि बार-बार शिकायतों के बावजूद मरम्मत नहीं की गई।
- लोगों का आरोप है कि प्रशासन की लापरवाही इस हादसे की वजह है।
प्रत्यक्षदर्शियों की आंखों-देखी
1. बाइक समेत नदी में गिरे
राजूभाई अथिया ने बताया, “मैं और मेरा दोस्त बाइक से जा रहे थे, तभी पुल गिर गया और हम नदी में गिर पड़े। मैं किसी तरह गाड़ी पर चढ़ा और बच गया, लेकिन मेरा दोस्त अब भी लापता है।”
2. पंक्चर ने बचाई जान
महेशभाई परमार ने कहा, “हमारी बाइक पुल से पहले ही पंक्चर हो गई थी। जैसे ही पुल पर पहुंचे, वो गिर गया। अगर थोड़ी देर पहले होते तो हम भी नीचे गिर जाते।”
3. समय रहते ब्रेक लगाई
संजयभाई चावड़ा बोले, “हमने अचानक ब्रेक लगाई, वरना सीधे टूटे हिस्से से गिर जाते। हमारी किस्मत थी कि हम बच गए।”
4. महिला को डूबने से बचाया
स्थानीय अतुल पढियार ने बताया, “एक महिला नदी में डूब रही थी। हमने तुरंत रिक्शा लिया और उसे बचाया। कुछ और लोगों को भी नदी से निकाला।”
सड़क संपर्क बाधित, अहमदाबाद होकर जाना पड़ रहा
- यह पुल दक्षिण गुजरात को सौराष्ट्र से जोड़ता था।
- इसके टूटने के बाद अब भरूच, नवसारी, सूरत, तापी और वलसाड के लोगों को अहमदाबाद होकर जाना पड़ रहा है।
जिम्मेदारी तय होनी चाहिए
यह दुखद हादसा एक बार फिर से सार्वजनिक अवसंरचना की उपेक्षा को उजागर करता है। 45 साल पुराना पुल, जिसकी मरम्मत की मांग लंबे समय से हो रही थी, आखिरकार लापरवाही का शिकार हो गया। अब सवाल उठता है कि क्या यह दुर्घटना टाली जा सकती थी? जवाबदेही तय करना और भविष्य में ऐसे हादसों से बचाव के लिए ठोस कदम उठाना बेहद जरूरी है।