भारत में जून का महीना सोने के कारोबार के लिए घाटे वाला साबित हुआ। बीते आठ दिनों में सोने की कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गई है। 24 कैरेट सोने के 100 ग्राम पर ₹34,900 और 10 ग्राम पर ₹3,490 की गिरावट देखी गई। इस गिरावट की सबसे बड़ी वजह इज़राइल और ईरान के बीच हुआ सीजफायर (युद्धविराम) समझौता बताया जा रहा है।
भारत में आज के सोने-चांदी के दाम (1 जुलाई 2025)
- 22 कैरेट सोना (10 ग्राम) : ₹89,150
- 22 कैरेट सोना (100 ग्राम) : ₹8,91,500
- 24 कैरेट सोना (10 ग्राम) : ₹97,260
- 24 कैरेट सोना (100 ग्राम) : ₹9,72,600
- चांदी (1 किलो) : ₹1,07,700
जून में सोने की कीमतों में कैसे आई गिरावट?
जून 23 से लेकर 30 जून तक सोने की कीमतों में लगातार गिरावट देखी गई:
- 30 जून : 24 कैरेट सोना 100 ग्राम पर ₹1,600 गिरा
- 28 जून : 100 ग्राम पर ₹6,000 की बड़ी गिरावट
- 27 जून : 100 ग्राम पर ₹9,300 कम
- 25 जून : 100 ग्राम पर ₹2,700 गिरा
- 24 जून : 100 ग्राम पर ₹14,700 की जोरदार गिरावट
- 23 जून : ₹600 की गिरावट, इसी दिन अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इज़राइल-ईरान सीजफायर की घोषणा की थी
इस पूरे हफ्ते में कुल मिलाकर 24 कैरेट सोने के दाम 100 ग्राम पर ₹34,900 और 10 ग्राम पर ₹3,490 गिरे।
एमसीएक्स पर सोने-चांदी के ताज़ा भाव
एमसीएक्स (MCX) पर अगस्त 2025 वायदा सोने का भाव मामूली बढ़त के साथ ₹96,111 प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। वहीं, जुलाई 2025 वायदा चांदी का दाम ₹1,05,451 प्रति किलो पर रहा।
विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
एलकेपी सिक्योरिटीज के कमोडिटी और करेंसी रिसर्च एनालिस्ट, जतिन त्रिवेदी के मुताबिक:
“डॉलर इंडेक्स में कमजोरी के चलते सोने की कीमतों में हल्की तेजी देखने को मिली। हालांकि, पिछले हफ्ते भारी मुनाफावसूली के बाद निवेशक धीरे-धीरे सेफ हेवन एसेट्स की ओर लौट रहे हैं।”
1 जुलाई और आगे सोने का बाजार कैसा रहेगा?
जतिन त्रिवेदी के अनुसार, आने वाला हफ्ता सोने की कीमतों के लिए बेहद अहम होगा। अमेरिका के कई महत्वपूर्ण आर्थिक आंकड़े, जैसे:
- ADP नॉन-फार्म एम्प्लॉयमेंट
- नॉन-फार्म पेरोल्स
- बेरोज़गारी दर
इन आंकड़ों के आने से सोने की कीमतों में और उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
अनुमानित दाम सीमा:
- घरेलू बाजार में सोना ₹94,000 से ₹97,500 प्रति 10 ग्राम के दायरे में रह सकता है।
वैश्विक स्तर पर क्या चल रहा है?
- सोने की कीमतें सोमवार को $3,290 प्रति औंस तक पहुंचीं, जो डॉलर की कमजोरी से सपोर्ट मिली।
- अमेरिका-चीन ट्रेड डील और भारत के साथ संभावित बड़े समझौते की खबरों ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया।
- अमेरिका और अन्य देशों के बीच व्यापार वार्ताओं में प्रगति की संभावना जताई जा रही है।
- कनाडा ने डिजिटल टैक्स वापस लिया, जिससे अमेरिका-टेक कंपनियों को राहत मिली।
- इज़राइल और ईरान के बीच सीजफायर अब तक कायम है।
इस बीच, अमेरिका के लेबर मार्केट के आंकड़ों पर भी बाजार की नजर बनी हुई है, जो फेडरल रिजर्व की अगली ब्याज दर नीति को प्रभावित कर सकते हैं।
निष्कर्ष: निवेशक क्या करें?
अगर आप सोने में निवेश करना चाहते हैं, तो फिलहाल सतर्क रहना जरूरी है। वैश्विक घटनाओं और अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों पर नज़र बनाए रखें। बाजार में उतार-चढ़ाव के इस दौर में जल्दबाज़ी में कोई बड़ा फैसला न लें। बेहतर होगा कि किसी फाइनेंशियल एक्सपर्ट से सलाह लेकर ही निवेश करें।
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