ग्वालियर शहर के सबसे व्यस्त मार्गों में से एक फूलबाग-रेलवे स्टेशन रोड पर एलिवेटेड रोड निर्माण का कार्य बिना किसी ट्रैफिक प्लानिंग और आधारभूत तैयारियों के शुरू कर दिया गया है। इस वजह से रोजाना इस मार्ग से गुजरने वाले 80 हजार से अधिक वाहन चालकों की परेशानियां बढ़ना तय है।
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क्या है पूरा मामला?
- एलिवेटेड रोड का निर्माण पीएनसी इंफ्रा कंपनी द्वारा किया जा रहा है।
- कंपनी ने प्रेस क्लब के सामने से काम की तैयारी सोमवार से शुरू की।
- लेकिन हैरानी की बात है कि:
- न तो ट्रैफिक डायवर्जन का कोई प्लान जारी हुआ।
- न ही सड़क के बीचों-बीच खड़े बिजली खंभे और तारों को हटाया गया।
- अन्य विभागों के साथ कोई समन्वय बैठक भी नहीं हुई।
किस इलाके को जोड़ेगा यह एलिवेटेड रोड?
- प्रस्तावित एलिवेटेड कॉरिडोर स्वर्ण रेखा नदी के ऊपर बनाया जा रहा है।
- यह रास्ता फूलबाग गुरुद्वारे के पीछे स्थित मॉल से शुरू होकर लक्ष्मीबाई समाधि स्थल तक जाएगा।
- कुल दूरी: लगभग 1.6 किलोमीटर।
मानसून बन सकता है बड़ी बाधा
- मानसून के दौरान नदी के भीतर काम करना संभव नहीं है, इसलिए निर्माण एजेंसी को सड़क पर ही कॉरिडोर तैयार करने की अनुमति दी गई है।
- नगर निगम ने:
- डिवाइडर, होर्डिंग्स और पेड़ हटाने की मंजूरी दे दी।
- लेकिन बिजली से जुड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर अभी भी ज्यों का त्यों है।
- इससे निर्माण कार्य रुक-रुक कर हो रहा है और ट्रैफिक को संभालना मुश्किल होता जा रहा है।
तकनीकी और लॉजिस्टिक समस्याएं
- फूलबाग चौराहे पर जो स्तंभ (पिलर) बन रहे हैं, उनकी ऊंचाई कम करनी है।
- इसके अलावा, बाल सरोवर, मानस भवन और प्रेस क्लब की दीवारों को भी पीछे करना होगा।
- लेकिन जब तक बिजली के खंभे और तार नहीं हटाए जाते, तब तक स्तंभ खड़ा करना संभव नहीं।
मुख्य समस्याएं संक्षेप में
- ट्रैफिक डायवर्जन प्लान नहीं
- बिजली इंफ्रास्ट्रक्चर जस का तस
- विभागीय समन्वय की कमी
- मानसून में और बिगड़ेगी स्थिति
जल्दबाज़ी में लिया गया फैसला शहर को पड़ेगा भारी
ग्वालियर जैसे व्यस्त शहर में किसी भी बड़ी परियोजना की शुरुआत से पहले सभी विभागों के बीच समन्वय और ट्रैफिक मैनेजमेंट प्लान तैयार होना बेहद जरूरी है। लेकिन फूलबाग रोड पर बिना तैयारी शुरू हुआ एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट न केवल यातायात जाम की गंभीर स्थिति पैदा करेगा, बल्कि मानसून के दौरान यह स्थिति और भी अधिक खराब हो सकती है।
यदि प्रशासन ने शीघ्रता से सभी विभागों के साथ बैठक कर आवश्यक कदम नहीं उठाए, तो आने वाले दिनों में यह शहरवासियों के लिए एक बड़ी परेशानी बन सकता है।