मध्य प्रदेश के जबलपुर में भारी बारिश के चलते बरगी डैम के 9 गेट खोलने पड़े हैं। डैम से 52,195 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिससे नर्मदा नदी के निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। प्रशासन ने रेड अलर्ट जारी करते हुए लोगों को नदी किनारे न जाने की सख्त चेतावनी दी है।
क्यों खोले गए बरगी डैम के गेट?
डिंडौरी और मंडला जिलों में हो रही मूसलधार बारिश से नर्मदा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इस पानी की तेज़ आवक को नियंत्रित करने के लिए डैम प्रबंधन ने बरगी डैम के 21 में से 9 गेट खोलने का फैसला लिया।
- यह गेट सीजन में 23 दिन पहले ही खोल दिए गए, जो सामान्य से काफी पहले की स्थिति है।
- रविवार दोपहर 12 बजे डैम से पानी छोड़ा गया।
- यह 2025 में पहली बार है जब डैम के इतने गेट एक साथ खोले गए।
डैम से कितनी ऊंचाई तक खोले गए गेट?
डैम के गेटों की स्थिति इस प्रकार है:
- गेट 10, 11, 12 – 2 मीटर तक खुले
- गेट 9 और 13 – 1.5 मीटर तक
- गेट 8 और 14 – 1 मीटर तक
- गेट 7 और 15 – 0.5 मीटर तक
बांध प्रबंधन का कहना है कि जरूरत पड़ने पर पानी की निकासी को कभी भी घटाया या बढ़ाया जा सकता है।
बरगी डैम का जलस्तर कितना है?
- सुबह 11 बजे डैम का जलस्तर 417.40 मीटर रिकॉर्ड किया गया।
- उस समय डैम में लगभग 98,741 क्यूसेक पानी की आवक हो रही थी।
- लक्ष्य है कि 31 जुलाई तक जलस्तर 417.50 मीटर तक बनाए रखा जाए।
- डैम की अधिकतम क्षमता 422.76 मीटर है।
किन जिलों में रेड अलर्ट जारी?
डैम से छोड़े गए पानी की वजह से नर्मदा नदी का जलस्तर 4 से 5 फीट तक बढ़ सकता है। इस वजह से कई जिलों में सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं:
- जबलपुर
- नरसिंहपुर
- होशंगाबाद
- हरदा
- खंडवा
- खरगोन
- धार
- बड़वानी
- अलीराजपुर
प्रशासन ने अपील की है कि लोग नदियों के किनारे न जाएं और सुरक्षित स्थानों पर रहें।
क्या आगे खतरा बढ़ सकता है?
हालात को देखते हुए यह स्पष्ट है कि अगर बारिश जारी रही, तो डैम से और भी ज्यादा पानी छोड़ा जा सकता है। इससे निचले इलाकों में बाढ़ का गंभीर खतरा बना रहेगा। प्रशासन और राहत दल पूरी तरह सतर्क हैं और लगातार जलस्तर पर निगरानी रखी जा रही है।