इंफोसिस, भारतीय आईटी उद्योग की अग्रणी कंपनी, इस साल 17 अप्रैल (गुरुवार) को मार्च तिमाही (Q4FY25) के नतीजे पेश करेगी। विश्लेषकों का मानना है कि कंपनी के मुनाफे में मामूली गिरावट देखने को मिल सकती है, जिसकी वजह मार्जिन पर दबाव और मांग में मौसमी कमजोरी हो सकती है।
प्रमुख अनुमान:
- रेवेन्यू: ₹41,965.95 करोड़ (तिमाही आधार पर 0.48% की वृद्धि)
- शुद्ध लाभ: ₹6,701.42 करोड़ (तिमाही आधार पर 1.54% की गिरावट)
- EBIT मार्जिन: 50 आधार अंकों (bps) की कमी का अनुमान
क्या होगा असर?
- कमजोर मांग: तीसरे पक्ष के उत्पादों की बिक्री और मौसमी कमजोरी से रेवेन्यू प्रभावित हो सकता है।
- मार्जिन पर दबाव: जूनियर कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी से मार्जिन घटने की आशंका है।
- डील पाइपलाइन: नए सौदों (Deals) की संख्या और मूल्य निर्धारण पर नजर रखी जाएगी।
ब्रोकरेज के अनुमान:
- कोटक सिक्योरिटीज: शुद्ध लाभ में 3.3% की गिरावट (₹6,580.1 करोड़), EBIT मार्जिन 60 bps कम।
- नुवामा: रेवेन्यू में 1% की गिरावट (CC terms में), शुद्ध लाभ ₹6,720.2 करोड़ अनुमानित।
- एचएसबीसी: FY26 में 6% की CAGR वृद्धि की उम्मीद, Q4 में 40-50 bps का मार्जिन दबाव।
आगे क्या?
इंफोसिस FY26 के लिए 1-4% की रेवेन्यू ग्रोथ और 20-22% के मार्जिन का अनुमान दे सकता है। कंपनी के लिए मैक्रो इकोनॉमिक चुनौतियां और प्रतिस्पर्धा प्रमुख जोखिम बने हुए हैं।