भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नया अध्याय जुड़ने वाला है। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने पुष्टि की है कि भारत का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ 2027 की शुरुआत में लॉन्च किया जाएगा। इस मिशन की सफलता के साथ भारत, अमेरिका, रूस और चीन जैसे देशों की सूची में शामिल हो जाएगा, जो मानव अंतरिक्ष उड़ान में सक्षम हैं।
गगनयान मिशन क्या है?
‘गगनयान’ भारत का पहला ऐसा मिशन है जिसमें भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। यह मिशन भारत की अंतरिक्ष तकनीक को एक नई ऊंचाई पर ले जाने वाला है।
- मानवयुक्त मिशन: भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को भारतीय रॉकेट पर कक्षा में भेजना।
- उद्देश्य: स्वतंत्र रूप से मानव अंतरिक्ष उड़ान का प्रदर्शन।
- महत्व: भारत को मानव अंतरिक्ष उड़ान में सक्षम देशों की श्रेणी में लाना।
गगनयान मिशन का नया लॉन्च टाइमलाइन
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 के स्वतंत्रता दिवस के भाषण में इस मिशन की घोषणा की थी। शुरूआती लक्ष्य 2022 था, लेकिन कोरोना महामारी और तकनीकी जटिलताओं के कारण मिशन में देरी हुई।
- 2022 का लक्ष्य कोरोना के चलते टल गया।
- बाद में 2025 को लक्ष्य बनाया गया था, जो तकनीकी कारणों से पूरा नहीं हो सका।
- अब नवीनतम योजना के अनुसार, मानवरहित यान 2026 में लॉन्च होगा और मानवयुक्त उड़ान 2027 की शुरुआत में।
इस साल के प्रमुख सफल परीक्षण
डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि इस साल की शुरुआत में हुए टीवी-डी1 मिशन और मानवरहित टेस्ट व्हीकल एबॉर्ट मिशन की सफलता ने आगे के परीक्षणों के लिए मजबूत आधार बनाया है।
- 2025 के अंत तक टीवी-डी2 मिशन का परीक्षण होगा।
- उसके बाद मानवरहित कक्षीय उड़ानें शुरू होंगी।
- ये सभी परीक्षण 2027 में मानवयुक्त उड़ान के लिए रास्ता तैयार करेंगे।
गगनयान मिशन की सफलता का महत्व
गगनयान की सफलता से भारत:
- अंतरिक्ष क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व के करीब पहुंचेगा।
- विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में नई उपलब्धियां हासिल करेगा।
- भारतीय युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बनेगा।